Friday 5 September 2014

हिंदुआ सूरज महाराणा प्रताप एव चेतक पर कविता



"अकबर महान अगर, राणा शैतान तो
शूकर है राजा, नहीं शेर वनराज है
अकबर आबाद और राणा बर्बाद है तो
हिजड़ों की झोली पुत्र, पौरुष बेकार है
अकबर महाबली और राणा बलहीन तो
कुत्ता चढ़ा है जैसे मस्तक गजराज है
अकबर सम्राट, राणा छिपता भयभीत तो
हिरण सोचे, सिंह दल उसका शिकार है
अकबर निर्माता, देश भारत है उसकी देन
कहना यह जिनका शत बार धिक्कार है
अकबर है प्यारा जिसे राणा स्वीकार नहीं
रगों में पिता का जैसे खून अस्वीकार है ।।


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