Thursday 4 September 2014

राजपूत विवाह में तोरन बाँदने की प्रथा का रहस्य



राजपूत विवाह में तोरन बाँदने की प्रथा का रहस्य
तोरण मारने की प्रथा अपने राजपूतो में कब से चरु हुई और क्यों हुई उसका कारण आप जरुर पड़े हकम 
तोरण मारना प्रथा प्राचीन काल से राजपूतो में चली आ रही हे...
लेकिन काफी बन्ना या बाईसा को मालूम नही होगा इसके बारे में की इसका मतलब क्या हे.....
बात कई बरसो पुराणी हे...
एक राजा की राजकुमारी बहुत ही शैतान थी.....
तो बचपन में राजा कहते थे राजकुमारी से की आप शैतानी करोंगे तो आपकी शादी एक चिडा (तोरण) से करा दूंगा...
समय बितता गया राज कुमारी बड़ी हो गयी राजा ने राजकुमारी के लिए बहुत ही सुंदर राजकुमार से विवाह निचित किया....
जब राजकुमार अपनी बारात लेके राजा के दरबार पहुचे तो राजकुमार ने देखा एक चिडा ( तोरण ) भी अपनी बारात लेके पहुचा हुआ था.. चिडे ने राजा को बचपन में कई बात याद दिलाई की अपने कहा
था ना की अपनी बेटी की विवाह मुझसे करवाओंगे..
अब राजा वचन में बध गया....
तब राजकुमार ने चिडे का वध करके अपनी राजकुमारी को प्राप्त किया...
इसलिए राजपूत बन्ना जब विवाह के लिए मंडप में जाते हे तो तोरण ( चिडे के चित्र ) का अपनी तलवार से वध करके राजपूत बाईसा को प्राप्त करते हे...
जय राजपुताना

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